Sun in Hindi | सूर्य क्या है और ये कैसे बने जानिए पूरी जानकारी।
सूर्य (Sun) Notes in Hindi
- सूर्य सौरमण्डल का केन्द्र बिन्दु, ऊर्जा व प्रकाश का स्रोत है। यह हमारे सबसे निकट और सौरमंडल का एकमात्र तारा है ।
- संरचना : सूर्य में 71% हाइड्रोजन गैस, 27% हीलियम गैस एवं 2% अन्य भारी गैसें हैं।
ऊर्जा का स्रोत :-
- परमाणु संलयन (Nuclear fusion) की प्रक्रिया जिसमें उच्च ताप पर हाइड्रोजन के परमाणुओं के संलयन से हीलियम गैस बनती है एवं अपार ऊर्जा व प्रकाश विसर्जित होता है।
- सौरमंडल में यह सबसे अधिक द्रव्यमान वाला पिंड है और सौरमण्डल के सभी ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं ।
सौर प्राचलः सूर्य के मूल प्राचल निम्न हैं-
- सूर्य का द्रव्यमान (Mass-M ) = 1.989 ×1030 या 2 × 1030 kg
- वास्तव में सूर्य का द्रव्यमान स्थिर नहीं है, क्योंकि सूर्य से लगातार विकिरण और कण निर्गत होते रहते हैं जो अपने साथ कुछ द्रव्यमान ले जाते हैं। परिणामस्वरूप सूर्य का द्रव्यमान लगातार घटता रहता है। यह पृथ्वी के द्रव्यमान का 332946 गुना है।
- त्रिज्या (Re ) = 6.7×108 m
- सूर्य की त्रिज्या का मान नियत नहीं है। यह धीरे-धीरे घट रही है। लगभग 10o वर्षों में इसके घटने की औसतगति 2.4cm/yr है। पृथ्वी की त्रिज्या 6.4×106 m है। अत: सूर्य की त्रिज्या, पृथ्वी की त्रिज्या से लगभग 109 गुना अधिक है। पृथ्वी से देखने पर सूर्य का कोणीय व्यास लगभग 32′ है।
- सूर्य की ज्योति (Luminosity): विद्युत चुम्बकीय विकिरण के रूप में सूर्य प्रति सेकंड जितनी ऊर्जा का उत्सर्जन करता है उसे सूर्य की ज्योति कहते हैं ।
तापमान:
- सूर्य के केन्द्र का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है। इसकी सतह का तापमान उसके आंतरिक तापमान से भिन्न है ।
- सूर्य की सतह का तापमान लगभग 6000 K है। इसे प्रभावी पृष्ठीय तापमान कहते हैं ।
- सूर्य की इसी परत से कुल विकिरण उत्सर्जित होता है। सूर्य की ऊर्जा के बाहर निकलने के बावजूद भी सूर्य की सतह का तापमान कम नहीं होता क्योंकि सूर्य के क्रोड से ऊर्जा लगातार सतह की ओर आती रहती है।
सौर प्रकाश मंडल :
- सूर्य की दृश्य सतह को प्रकाश मंडल कहते हैं। सूर्य से प्राप्त कुल प्रकाश वास्तव में प्रकाश मंडल से ही आता है ।
- पृथ्वी पर हमारे आसपास के वायुमंडल की तुलना में प्रकाश मंडल का घनत्व 3400 गुना कम ह
- प्रकाश मंडल की मोटाई 500 km है और उसके सबसे नीचे की सतह पर तापमान लगभग 6500 K है ।
- प्रकाश मंडल में ऊपर जाने पर तापमान घटता है और शिखर पर इसका तापमान 4400 K रह जाता है ।
- प्रकाश मंडल एक शांत क्षेत्र नहीं है। प्रकाश मंडल की संरचना कणिकामय (Granular ) है जिसका कारण इस सतह के नीचे से आने वाली तप्त गैस है।
सौर वायु मंडल :
- यद्यपि सूर्य के चित्र से ऐसा लगता है कि इसका स्पष्ट किनारा है परन्तु इस प्रकार का स्पष्ट किनारा वास्तव में नहीं है। ऐसे आभासी किनारे के बाहर सूर्य की बाहरी परतें हैं जिन्हें सामूहिक तौर पर सूर्य का वायुमंडल कहते हैं ।
सूर्य का वायुमंडल दो परतों में विभाजित है-
- (1) वर्णमंडल (chromosphere)
- (2) किरीट (corona )
मानव तंत्र
1. वर्णमंडलः
- वर्णमंडल प्रकाश मंडल के ऊपर स्थित है और लगभग 2000 किमी तक फैला हुआ है। अपनी क्षीण द्युति ( faintness) के कारण पृथ्वी से यह साधारणतः दिखाई नहीं देता है । परन्तु सूर्य ग्रहण के समय इसे देखा जा सकता है।
- इसका नाम वर्णमंडल इसलिए दिया गया है क्योंकि पूर्ण सूर्यग्रहण से कुछ सेकंड पहले और कुछ सेकंड पश्चात् तक प्रकाश मंडल के ऊपर एक गुलाबी रंग की क्षण – दीप्ति (flash) दिखाई देती है । उस समय उत्पन्न स्पेक्ट्रम को क्षण – दीप्ति स्पेक्ट्रम (flash spectrum) कहते हैं ।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण के थोड़ा पहले अथवा थोड़ी देर बाद प्रेक्षित गुलाबी रंग का कारण (प्रथम बामर रेखा का उत्सर्जन है जो लाल क्षेत्र में है । बामर रेखाएँ हाइड्रोजन की स्पेक्ट्रमी रेखाएँ हैं ।
- प्रकाश मंडल की तुलना में वर्ण मंडल का घनत्व 104 गुना कम होता है और तापमान बढ़कर लगभग 25000 K हो जाता है ।
- सूर्य के वर्णमंडल में ‘लघु स्पाइकें’ (Spicules) होती हैं । लघुस्पाइक जेट रूपी संरचना होती है जिसमें तप्त गैस होती है और यह संपूर्ण वर्णमंडल में प्रेक्षित होती है। इनकी उत्पत्ति संभवत: सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण होती है।
2. किरीट ( Corona ) :
- सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत को किरीट कहते हैं। इसका नाम उस यूनानी शब्द के आधार पर निर्धारित किया गया है जिसका अर्थ होता है मुकुट |
- वर्ण मंडल की तरह किरीट भी पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय ही देखा जा सकता है।
- किरीट में तापमान 106 K की कोटि का है। उच्च प्रकाश मंडल की
- तुलना में किरीट से X-किरणों का उत्सर्जन बहुत अधिक होता है।
सौर हवा:
- सूर्य के वायुमंडल की बाहरी परत ‘किरीट‘ हर समय आवेशित कणों का उत्सर्जन करती रहती है । ये कण संपूर्ण सौर मंडल में फैल जाते हैं । इस उत्सर्जन को सौर हवा कहते हैं ।
- वर्ष 1862 में मेरिनर – II अंतरिक्षयान ने सौर हवा को संसूचित (Detect) किया था ।
- वान ऐलन विकिरण पट्टियाँ : सौर हवा द्वारा लाए गए आवेशित कण पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की बल – रेखाओं को पार नहीं कर सकते । पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा इन कणों की दिशा परिवर्तित हो जाती है और ये पृथ्वी के निकट तथाकथित विकिरण पट्टियों की ओर धकेल दिए जाते हैं । इन पट्टियों को वान ऐलन विकिरण पट्टियाँ कहते हैं ।
सौर क्षोभ (Solar activity):
- सूर्य की सतह पर या उसके निकट घटित विभिन्न प्रकार की अल्पकालीन घटनाएँ सामूहिक रूप से सौर क्षोभ ( solar activity) कही जाती हैं ।
- इन सभी घटनाओं का मूल कारण प्रकाशमंडल में स्थित प्रबल और स्थानिक चुम्बकीय क्षेत्र है । इन घटनाओं के अध्ययन से सूर्य और चुम्बकीय क्षेत्र के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है ।
सूर्य कलंक (sunspot):
सूर्य की सतह पर दिखाई देने वाले काले धब्बों को सूर्य कलंक कहते हैं। सबसे “पहले सूर्य कलंकों का अवलोकन 2000 वर्ष पूर्व चीन में किया गया था।
- 17वीं शताब्दी में गैलीलियों ने सूर्य कलंकों का अवलोकन किया और पाया कि सूर्य कलंक गतिमान हैं। इस प्रेक्षण के आधार पर उन्होंने सुझाव दिया कि सूर्य अपनी धुरी पर घूमता है ।
- सूर्य कलंक का तापमान लगभग 4000 K होता है । इतना उच्च तापमान होने के बावजूद कलंक अदीप्त दिखते हैं क्योंकि सूर्य कलंक के चारों ओर प्रकाश मंडल का तापमान 6000 K रहता है ।
- सूर्य कलंकों में प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति प्रकाश मंडल के नीचे की सतहों से आने वाले तप्त द्रव्य के प्रवाह में बाधा डालती है। इसलिए कलंक क्षेत्र की सतह तक पहुँचने वाली ऊष्मा की मात्रा कम होती है और कलंक अपने आसपास के क्षेत्र की तुलना में ठंडे और काले दिखाई पड़ते हैं।
- सूर्य कलंक कई सप्ताह तक जीवित रहते हैं । ऐसा चुम्बकीय क्षेत्र के कारण संभव हो पाता है ।
- चुम्बकीय क्षेत्र का दाब और कलंक में स्थित द्रव्य का दाब दोनों मिलकर कलंक के बाहर स्थित द्रव्य के दाब को संतुलित करते हैं और कलंक साम्यावस्था ( equilibrium) में काफी समय तक रह सकता है।
- सूर्य कलंक का आवर्तकाल सन् 1843 में जर्मनी के नागरिक हाईनरिश श्वाबे ने प्रेक्षित किया कि कलंकों की संख्या में आवर्ती परिवर्तन होता है।
- श्वाबे ने पाया कि कलंकों की अधिकतम और न्यूनतम संख्या में 5-5 वर्ष का अंतराल होता है।
सौर ज्वाला ( Solar prominence):
डिस्क के किनारे से सूर्य को देखने पर किरीट की ओर तेजी से उभरती वलयाकार लपटें दिखाई देती हैं । इन लपटों को सौर ज्वाला कहते हैं ।
- इन ज्वालाओं का सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ घनिष्ठ संबंध है और ये चुम्बकीय क्षेत्र के कारण ही बनती हैं।
- ज्वालाओं में पदार्थ तप्त आयनित गैसों के रूप में होता है। जब इन ज्वालाओं को प्रकाश मंडल की पृष्ठभूमि में प्रेषित किया जाता है तो ये काले साँप जैसी दिखाई देती हैं। अत: इन्हें सौर तंतु (Solar filament) भी कहते हैं ।
सौर प्रज्वाल (Solar flare ) :
एक अन्य तरह की सौर सक्रियता को सौर प्रज्वाल (solar flare) कहते हैं। ये सूर्य पर होने वाली आकस्मिक उद्गारी घटनाएँ हैं ।
- सामान्यत: एक प्रज्वाल कुछ मिनटों से लेकर एक घंटे तक जीवित रहता है ।
- सौर प्रज्वाल में अधिकांशत: X किरणों, पराबैंगनी और दृश्य विकिरण, द्रुतगति इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों के रूप में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है ।
Sun Questions in Hindi
1. सूर्य क्या है?
Ans. – सूर्य हमारी आकाशगंगा के अरबों तारों की तरह ही एक तारा है जिसके आसपास आठ ग्रह घूम रहे हैं उन्हीं में से एक ग्रह पृथ्वी है जिस पर हम रहते हैं।
2. सूर्य और हमारी पृथ्वी के बीच की दूरी कितनी है?
Ans. – सूर्य और हमारी पृथ्वी के बीच की दूरी 14 लाख 96 हज़ार किलो मीटर है।
3. सूर्य हमारी पृथ्वी से कितने गुना बड़ा है?
Ans. – सूर्य पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है अर्थात सूर्य में 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं।
4. सूर्य की आयु कितनी है?
Ans. – 4.6 अरब वर्ष
5. सूर्य का व्यास (Diameter) कितना है?
Ans. – 13 लाख 92 हजार किलोमीटर
1. सौर प्रणाली की खोज किसने की थी ?
A. गैलीलियो
B. जे. एल. बेयर्ड
C. कोपरनिकस
D. केप्लर
2. निम्नलिखित में से कौन सौरमण्डल का भाग नहीं है ?
A. क्षुद्रग्रह
B. धूमकेतु
C. ग्रह
D. नीहारिका
3. निम्नलिखित में से कौन एक तारा है ?
A. चन्द्रमा
B. शुक्र
C. पृथ्वी
D. सूर्य
4. ब्रह्माण्ड में विस्फोटी तारा कहलाती है ?
A. धूमकेतु
B. उल्का
C. लुब्धक
D. अभिनव तारा
5. वैज्ञानिक जिन्होंने सर्वप्रथम खोज की कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, थे –
A. न्यूटन
B. डाल्टन
C. कॉपरनिकस
D. आइन्स्टीन
6. नार्वे में अर्द्धरात्रि के समय सूर्य कब दिखायी देता है ?
A. 21 मार्च
B. 23 सितम्बर
C. 21 जून
D. 22 दिसम्बर
7. निम्नलिखित में से किनके बीच की औसत दूरी को ‘खगोलीय एकक’ कहा जाता है ?
A. पृथ्वी तथा सूर्य
B. पृथ्वी तथा चन्द्रमा
C. बृहस्पति तथा सूर्य
D. प्लूटो तथा सूर्य
8. ‘मध्य रात्रि सूर्य’ का क्या अर्थ है ?
A. सांध्य प्रकाश
B. उदीयमान सूर्य
C. बहुत चमकदार चन्द्रमा
D. सूर्य का ध्रुवीय वृत्त में देर तक चमकना
9. सूर्य के रासायनिक में हाइड्रोजन का प्रतिशत कितना है ?
A. 71%
B. 61%
C. 75%
D. 54%
10. अन्तरिक्ष में कुल कितने तारामण्डल हैं ?
A. 87
B. 88
C. 89
D. 90
उत्तर ⇒ ????
A. गैलीलियो
B. जे. एल. बेयर्ड
C. कोपरनिकस
D. केप्लर
उत्तर ⇒ { C }
2. निम्नलिखित में से कौन सौरमण्डल का भाग नहीं है ?
A. क्षुद्रग्रह
B. धूमकेतु
C. ग्रह
D. नीहारिका
उत्तर ⇒ { D }
3. निम्नलिखित में से कौन एक तारा है ?
A. चन्द्रमा
B. शुक्र
C. पृथ्वी
D. सूर्य
उत्तर ⇒ { D }
4. ब्रह्माण्ड में विस्फोटी तारा कहलाती है ?
A. धूमकेतु
B. उल्का
C. लुब्धक
D. अभिनव तारा
उत्तर ⇒ { C }
5. वैज्ञानिक जिन्होंने सर्वप्रथम खोज की कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, थे –
A. न्यूटन
B. डाल्टन
C. कॉपरनिकस
D. आइन्स्टीन
उत्तर ⇒ { C }
6. नार्वे में अर्द्धरात्रि के समय सूर्य कब दिखायी देता है ?
A. 21 मार्च
B. 23 सितम्बर
C. 21 जून
D. 22 दिसम्बर
उत्तर ⇒ { C }
7. निम्नलिखित में से किनके बीच की औसत दूरी को ‘खगोलीय एकक’ कहा जाता है ?
A. पृथ्वी तथा सूर्य
B. पृथ्वी तथा चन्द्रमा
C. बृहस्पति तथा सूर्य
D. प्लूटो तथा सूर्य
उत्तर ⇒ { A }
8. ‘मध्य रात्रि सूर्य’ का क्या अर्थ है ?
A. सांध्य प्रकाश
B. उदीयमान सूर्य
C. बहुत चमकदार चन्द्रमा
D. सूर्य का ध्रुवीय वृत्त में देर तक चमकना
उत्तर ⇒ { D }
9. सूर्य के रासायनिक में हाइड्रोजन का प्रतिशत कितना है ?
A. 71%
B. 61%
C. 75%
D. 54%
उत्तर ⇒ { A }
10. अन्तरिक्ष में कुल कितने तारामण्डल हैं ?
A. 87
B. 88
C. 89
D. 90
उत्तर ⇒ ????
The post
appeared first on
.