BRICS समिट में शामिल हुए पीएम मोदी

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1 BRICS समिट में शामिल हुए पीएम मोदी​


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पीएम मोदी रूस के कजान शहर में BRICS समिट में शामिल हुए। उन्होंने क्लोज प्लेनरी यानी बंद कमरे में और ओपन प्लेनरी, दोनों मीटिंग में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘BRICS नए स्वरूप में विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले 2 दशक में संगठन ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। मुझे उम्मीद है कि BRICS वैश्विक चुनौतियों के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा।’ उन्होंने कहा कि UNSC में रिफॉर्म करना जरूरी है। मोदी ने कहा कि नए स्वरूप में BRICS 30 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा की इकोनॉमी है। यह सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। मोदी ने कहा कि UPI पेमेंट्स भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्‍ध‍ि है। भारत, BRICS देशों के साथ UPI सिस्टम शेयर करने के लिए तैयार है। दूसरे देशों ने भी इसे अपनाया है। उन्होंने मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़ने के लिए BRICS देशों को न्योता दिया। वहीं ब्रिक्स सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद देने के साथ पीएम ने ब्रिक्स के नए अध्यक्ष ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने नए अध्यक्ष के रूप में ब्राजील को भारत के सहयोग का आश्वासन भी दिया।




2 5 साल बाद मोदी-जिनपिंग की द्विपक्षीय मुलाकात हुई




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23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई। 2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बाइलेटरल मीटिंग है। जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को सही तरीके से संभालना चाहिए। भारत और चीन को अपने संबंधों को सामान्य बनाए रखने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। तभी दोनों देश अपने विकास के टार्गेट को पूरा कर पाएंगे। दोनों देशों के नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग समझौते का स्वागत किया। दोनों देशों के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए स्पेशल रिप्रिजेंटेटिव नियुक्त किए गए। भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेशमंत्री वांग यी को रिप्रिजेंटेटिव बनाया गया है। दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक बातचीत हुई।

3 पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पजशकियान से मुलाकात की​


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 अक्टूबर की शाम को रूस के कजान में ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पजशकियान से मुलाकात की। प्रधानमंत्री 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस की यात्रा पर हैं। ब्रिक्स से इतर वे ईरान के राष्ट्रपति से मिले। पीएम मोदी ने डॉ. मसूद पजशकियान को ईरान के 9वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर उन्‍हें बधाई दी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। इससे पहले मई 2024 में चाबहार पोर्ट को लेकर हुआ लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट बेहतरीन बाईलेटरल रिलेशन्स का पुष्टि करता है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पजशकियान को भारत आने के लिए निमंत्रण दिया।

4 करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौता 5 साल और बढ़ा​


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भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक माध्यम से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते की वैधता को पांच वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाने पर सहमति हुई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से भारत से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर, नरोवाल, पाकिस्तान तक तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए 24 अक्टूबर 2019 को समझौता पांच साल की अवधि के लिए समझौता किया गया था। भारत और पाकिस्तान ने 22 अक्टूबर को राजनयिक माध्यम से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते को 5 साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रति तीर्थयात्री प्रति यात्रा 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क लगाए जाने को हटाने के संबंध में तीर्थयात्रियों के निरंतर अनुरोध को देखते हुए, भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क या प्रभार नहीं लगाने का आग्रह किया है।




5 कोलंबिया ने COP16 की मेजबानी की




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संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (COP16) की दो सप्ताह की अवधि की शुरुआत कोलंबिया में हुई, जिसमें लगभग 200 देशों के पर्यावरण नेताओं ने भाग लिया। यह महत्वपूर्ण सभा जैव विविधता की हानि को रोकने और इसे उलटने के लिए ऐतिहासिक प्रतिबद्धताओं का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से हो रही है। यह बैठक 196 देशों द्वारा हस्ताक्षरित कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढांचे के बाद आयोजित की जा रही है, जो ग्रह के विविध पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा के लिए एक महत्वाकांक्षी संधि है।

6 मलेरिया मुक्त हुआ मिस्र​


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मिस्र ने 20 अक्टूबर, 2024 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा औपचारिक रूप से ‘मलेरिया-मुक्त’ घोषित होकर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के साथ, मिस्र 2024 में केप वर्डे के बाद मलेरिया-मुक्त प्रमाणन प्राप्त करने वाला दूसरा देश बन गया है। मिस्र WHO के पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में मलेरिया-मुक्त प्रमाणन प्राप्त करने वाला तीसरा देश बन गया है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (2007) और मोरक्को (2010) शामिल हैं।

7 इजराइल एशियाई विकास बैंक (ADB) का 69वां सदस्य देश बना​


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अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहयोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में, इज़राइल एशियाई विकास बैंक (ADB) का नवीनतम गैर-क्षेत्रीय सदस्य बन गया है। मनीला स्थित इस वित्तीय संस्थान ने शुक्रवार को इस खबर की घोषणा की, जो इज़राइल के लिए अपने वैश्विक रणनीतिक संबंधों और आर्थिक पहुंच को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इज़राइल ने एशियाई विकास बैंक (ADB) के 69वें सदस्य और 20वें गैर-क्षेत्रीय सदस्य के रूप में आधिकारिक रूप से सदस्यता ग्रहण की, जिससे सभी आवश्यक सदस्यता शर्तों को पूरा किया गया। 1966 में स्थापित ADB एक प्रमुख वित्तीय संस्थान है जिसका उद्देश्य एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह 69 सदस्य देशों के स्वामित्व में है, जिनमें से 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं, जबकि 20 गैर-क्षेत्रीय सदस्य हैं।


8 इंडो-लैटिन अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स और वीपीवीवी टेक्नो कंस्ट्रक्शन के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता


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इंडो-लैटिन अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएलएसीसी) और वीपीवीवी टेक्नो कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जो 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का यह समझौता बड़े पैमाने पर भारत में औद्योगिक विनिर्माण सहित निवेश पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। इसके तहत कॉरिडोर विकास कार्यक्रम,सेमीकंडक्टर मिशन, राष्ट्रीय रसद नीति, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, मेक इन इंडिया और मेड फ्रॉम इंडिया और कई अन्य पहलें रक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।

9 55वां IFFI गोवा में आयोजित किया जाएगा​


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55वां इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया यानी IFFI 2024 इस साल 20 से 28 नवंबर तक गोवा में आयोजित किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को इसकी घोषणा की। ‘कंट्री ऑफ फोकस‘ सेगमेंट IFFI का की-फीचर है, जिसमें किसी देश की बेस्ट कंटेम्परी फिल्में दिखाई जाती हैं। इस साल IFFI में क्रिटिक्स के जरिए सिलेक्ट की गई 7 ऑस्ट्रेलियाई फिल्मों को दिखाया जाएगा। इसमें ड्रामा, पावरफुल डॉक्यूमेंट्रीज, थ्रिलर और हल्की-फुल्की कॉमेडी जैसी विभिन्न शैलियों का मिश्रण होगा। ये फिल्में ऑस्ट्रेलिया की अनूठी संस्कृति को प्रदर्शित करेंगी, जो इसके इंडिजिनियस और कंटेम्परी कम्युनिटीज की जीवंत कहानियों की विविधता को दर्शाती हैं।

10 एनईएसटीएस ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए ‘अमेज़ॅन फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम’ शुरू किया​


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नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटीएस) ने आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में 50 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में ‘अमेज़ॅन फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम‘ के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। तीसरे चरण में ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, ब्लॉक प्रोग्रामिंग और एआई सत्रों पर एक ओरीएन्टेशन होगा। अमेज़ॅन फ्यूचर इंजीनियर प्रोग्राम का तीसरा चरण भारत में 410 प्रस्तावित ईएमआरएस में शुरू किया जाएगा। यह इंजीनियर प्रोग्राम दो साल से चल रहा है। यह अब तक कक्षा 6 से 8 तक के 7,000 से अधिक छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान और ब्लॉक प्रोग्रामिंग से परिचित करा चुका है। इसमें पिछले चरणों में 50 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। तीसरे चरण में कक्षा 6 से 9 तक के छात्रों के लिए ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोडिंग को शामिल करने के लिए पाठ्यक्रम का विस्तार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कक्षा 10 के छात्रों के लिए प्रोजेक्ट-आधारित वर्चुअल सत्र प्रदान किए जाएंगे, जो सीबीएसई एआई कौशल पाठ्यक्रम के साथ होंगे।

11 विश्‍व गिब्‍बन दिवस​


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24 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय गिब्बन दिवस” मनाया जाता है, यह दिन गिब्बन का जश्न मनाने और इन लुप्तप्राय प्राइमेट्स के सामने आने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है। संरक्षण चुनौतियों के कारण हूलॉक गिब्बन सहित सभी 20 गिब्बन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। पिछली सदी से गिब्बन की आबादी और उनके आवासों में काफी गिरावट आई है, जिससे उनकी बहुत कम आबादी केवल उष्णकटिबंधीय वर्षावनों तक ही सीमित रह गई है। गिब्बन दक्षिण-पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जंगलों में पाए जाते हैं तथा इन्हें सभी वानरों में सबसे छोटे एवं समझदार वानरों के रूप में भी जाना जाता है। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में दो अलग-अलग हूलॉक गिब्बन प्रजातियाँ पाई जाती हैं: पूर्वी हूलॉक गिब्बन (हूलॉक ल्यूकोनिडिस) और पश्चिमी हूलॉक गिब्बन (हूलॉक हूलॉक)। दोनों प्रजातियाँ भारतीय (वन्यजीव) संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध हैं।
 
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