हरियाणा में राष्ट्रीय उद्यान

naveen

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  • हरियाणा में राष्ट्रीय उद्यान को दो भागों में बाँटा गया है।

1. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के गुडगाँव जिले के सुल्तानपुर में अवस्थित है।
  • यह पहले पक्षी अभयारण्य था, जिसे वर्ष 1989 में राष्ट्रीय पार्क बनाया गया। यह उद्यान प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है।
  • यहाँ शीत ऋतु मे प्रतिवर्ष सैकडों पक्षी प्रवास करते है, जिनमें साइबेरियन सारस प्रमुख है। इसका क्षेत्रफल 1.43 वर्ग किमी है।

2. कलेसर राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के पूर्वी भाग में अवस्थित है। यह उद्यान लाल जंगली मुर्गों के लिए प्रसिद्ध है। दिसम्बर, 2003 में इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया।

हरियाणा में वन्यजीव संरक्षण

  • यद्यपि हरियाणा में प्राकृतिक वनों की कमी है, परन्तु जलवायु विविधता के कारण ये वन्यजीवों, विशेष रुप से स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों की प्रजाति हेतु प्राकृतिक आवास के रुप मे उपयुक्त हैं।
  • भारत में पाई जाने वाली पक्षियों की लगभग 1,250 प्रजातियों में से लगभग 500 प्रजातियाँ इस राज्य में पाई जाती है।
  • वन्यजीवों के उनके प्राकृतिक आवास में स्थानिक संरक्षण हेतु राज्य में 2 राष्ट्रीय उद्यानों एवं 8 वन्यजीव अभयारण्य एवं 2 कंजर्वेशन रिजर्व की स्थापना की गई है।
  • इस क्रम मे पिंजौर के निकट रेड जंगल फाउल प्रजनन केन्द्र की स्थापना कर वन्यजीवों को संरक्षण दिया गया है। गिद्धों के संरक्षण हेतु पिंजौर मे ही गिद्ध संरक्षण एवं केन्द्र की स्थापना की गई है।
  • इस केंद्र की स्थापना में सहयोग देने काली प्रमुख राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ हैं
  • रायल सोसायटी आफ प्रोटेक्शन आफ बर्ड (यू के)
  • जुलोजिकल सोसायटी आफ लन्दन (यू के)
  • बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी
  • विभाग द्वारा हिसार एवं महम में हिरण उद्यान तथा भिवानी, रोहतक एवं पिपली मे छोटे चिडियाघरों की स्थापना की गई है। रेवाडी जिले के आबुआ रिजर्व वन में एक मयूर और चिकारा संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र की स्थापना की गई है।

वन एवं पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में किए गए महत्त्वपूर्ण कार्य

  • राज्य सरकार एवं वन विभाग ने सामाजिक वानिकी व कृषि वानिकी आदि परियोजनाएं शुरू की है।
  • वन्यप्राणियों की सुरक्षा हेतु रोहतक मे भिण्डावास वन्यप्राणि विहार तया कैथल मे सरस्वती प्लाण्टेशन वन्यप्राणी विहार कार्यरत हैं।
  • अवैध शिकार की रोकथाम हेतु दिल्ली के चारों ओर एवं कलेसर वन मे विशेष रूप से चेकपोस्ट स्थापित किए गए है।
  • पदेश में नॉन-बायोडिपग्रेडेबल गारबेज (कंट्रोल) एक्ट. 1998 भी लागू किया गया है, जिसके तहत पॉलिथीन आदि पर रोक है।
  • फरीदाबाद और हिसार में दो विशेष पर्यावरण न्यायालयों की स्थापना । सरकार द्वारा की गई। जो पर्यावरणीय अधिनियमों के अन्तर्गत आने वाले मामलों को निपटाएँगे।
  • राज्य में औषधि वृक्षों के रोपण हेतु 1 नवम्बर 2003 को वनस्पति वन योजना लागू की गई।
  • वन और वृक्ष आच्छादन को बढाने के लिए वन विभाग ने वृक्ष __ आच्छादन के अन्तर्गत अधिक से अधिक क्षेत्र को लाने के लिए अन्य
    सरकारी भूमि, संस्थागत भूमि, पंचायत भूमि, आम भूमि और अन्य बंजर भूमि पर बड़े पैमाने पर वनीकरण कार्यक्रम शुरू किए हैं।
  • वन विभाग वार्षिक आधार पर औसत रूप से 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाता है
  • वर्ष 2012-13 तक किसानों, अन्य सरकारी विभागों, संस्थाओं, स्कूलों, ग्राम पंचायतों आदि को उनकी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए पौधे वितरित किए जाते रहे हैं।
  • वर्ष 2012-13 तक वन विभाग ने सिर्फ किसानों को लगभग 2.5 करोड पौधे निशुल्क वितरित किए।

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