सानिया मिर्जा, मैरी कॉम और टीवी होस्ट रणविजय सिंहा बने प्ले स्पोर्ट्स के ब्रांड एंबेसडर

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1 सानिया मिर्जा, मैरी कॉम और टीवी होस्ट रणविजय सिंहा बने प्ले स्पोर्ट्स के ब्रांड एंबेसडर​


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छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता और महिला युगल में पूर्व विश्व नंबर 1 सानिया मिर्जा, छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एमसी मैरी कॉम और अभिनेता रणविजय सिंहा ब्रांड एंबेसडर के रूप में ‘प्ले स्पोर्ट्स’ में शामिल हुए हैं। प्ले स्पोर्ट्स का उद्देश्य भारत में एक सतत खेल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। इसके लिए यह स्कूलों के साथ काम कर रहा है, खेलों का विकास कर रहा है, खेल अवसंरचना का प्रबंधन कर रहा है, अकादमियों का संचालन कर रहा है और जमीनी स्तर से प्रतिभा की खोज कर रहा है।

2 INS त्रिपुट लॉन्च हुआ​


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भारतीय नौसेना के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) के निर्माणाधीन दो उन्नत जहाजों में से पहला, 23 जुलाई, 2024 को जीएसएल, गोवा में लॉन्च किया गया। समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए, गोवा के माननीय राज्यपाल श्री पी एस श्रीधरन पिल्लई की उपस्थिति में अथर्ववेद के आह्वान के साथ श्रीमती रीता श्रीधरन ने जहाज का शुभारंभ किया। शक्तिशाली तीर के नाम पर इस जहाज का नाम त्रिपुट रखा गया है, जो भारतीय नौसेना की अदम्य भावना तथा दूर तक और गहराई तक वार करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। रक्षा मंत्रालय और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने 25 जनवरी, 19 को त्रिपुट श्रेणी के दो उन्नत जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। यह तलवार क्लास फ्रिगेट का 9वां स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसका निर्माण कार्य 29 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस जहाज का समुंद्र में डिस्प्लेसमेंट 3850 टन है। इसकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है। ये जंगी जहाज समुंद्र में मैक्जिमम 59 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। INS त्रिपुट 18 अधिकारियों और 180 सैनिकों के साथ 30 दिन तक समुंद्र में रह सकता है। इसमें 24 स्टील्थ-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं। 8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्ट एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी मौजूद हैं। इसमें एक 100 मिलीमीटर की ए-190ई नेवल गन लगी है। जीएसएल में निर्मित किए जा रहे त्रिपुट श्रेणी के जहाज, रूस से प्राप्त किए गए तेग और तलवार श्रेणी के जहाजों के अनुवर्ती जहाज हैं। इन जहाज का निर्माण पहली बार किसी भारतीय शिपयार्ड द्वारा स्वदेशी रूप से किया जा रहा है।

3 रांची में बिलियन इंप्रेशन्स का उद्धाटन हुआ​


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24 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में भगवान बिरसा मुण्डा स्मृति पार्क में निर्मित बिलियन इंप्रेशन्स का उद्धाटन किया। बिलियन इंप्रेशन्स को टाटा स्टील ने बनाया है। बिलियन इंप्रेशन्स दो अंगूठे के निशान है, जो एकता का प्रतीक है। इस मूर्ति का उद्देश्य कला संस्कृति को बढ़ावा देना है। बिलियन इंप्रेशन्स की तरह अन्य मूर्तियां देश के कई हिस्सों में स्थापित की गई। दो अंगूठों की फिंगरप्रिंट वाली यह मूर्ति 11.5 मीटर (37.7 फीट) लंबी है। बिलियन इंप्रेशन्स, नोशंस ऑफ इंडिया और टाटा स्टील की अंतरर्राष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता का विनर रहा था।

4 प्रसिद्ध गायक मुकेश की 100वीं जयंती पर उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया​


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केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई दिल्ली में प्रसिद्ध गायक मुकेश की 100वीं जयंती पर उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर श्री शेखावत ने संगीत में असाधारण योगदान के लिए मुकेश की प्रशंसा की। उन्होंने मुकेश की विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुकेश ने लोगों को 1300 से अधिक गाने दिेये। मुकेश ने अपने जमाने के सभी लीड स्टार्स के लिए गाने गाए, लेकिन सबसे ज्यादा उन्होंने शोमैन राज कपूर के लिए गाए। इनमें ‘दोस्त-दोस्त ना रहा’, ‘आवारा हूं’ और ‘मेरा जूता है जापानी’ सहित कई शानदार गाने शामिल हैं।

5 कसावा से बना बायोप्लास्टिक नगालैंड में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है​


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नागालैंड के मोकोकचुंग जिले के 10 गांवों के छोटे धारक किसान प्लास्टिक के स्थान पर कसावा स्टार्च से बने कम्पोस्टेबल बायोप्लास्टिक बैग का उपयोग करके एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के प्रयासों ने मुख्य रूप से वैकल्पिक हल्के सामग्रियों की कमी के कारण सीमित प्रभाव डाला है जो व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक को बदल सकते हैं। इस चुनौती का समाधान करने के लिए नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (एनईसीटीएआर) ने कसावा स्टार्च (मैनिहोट एस्कुलेंटा) से कंपोस्टेबल बायोप्लास्टिक बैग बनाने की पहल का समर्थन किया है। नगालैंड स्थित एमएसएमई इकोस्टार्च ने नगालैंड के मोकोकचुंग में कसावा प्लांट से बायोप्लास्टिक बैग बनाने के लिए एक सुविधा स्थापित की है और कसावा की खेती करने के लिए उत्पादन सुविधा के 30-40 किलोमीटर की सीमा के भीतर किसानों को जुटा रहा है।

6 लद्दाख का रॉक वार्निश अंतरिक्ष में रहने योग्य वातावरण की पहचान करने में सहायता कर सकता है​


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मैग्नेटोफॉसिल्स– मैग्नेटोटैक्टिक बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित चुंबकीय कणों के जीवाश्म अवशेष लद्दाख में रॉक वार्निश परतों में देखे गए हैं। रॉक वार्निश के निर्माण में जैविक प्रक्रियाओं का सुझाव देने वाला अध्ययन बताता है कि विषम वातावरण में जीवन कैसे विद्यमान रह सकता है, जिससे खगोल विज्ञान के साथ-साथ अंतरिक्ष में रहने योग्य वातावरण की पहचान करने के लक्ष्य के साथ भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि मिलती है। लद्दाख, जिसे “भारत का ठंडा रेगिस्तान” कहा जाता है, में ऐसी उच्च पराबैगनी (अल्ट्रा वायलेट- यूवी विकिरण), महत्वपूर्ण तापमान भिन्नता और सीमित पानी की उपलब्धता जैसी विषम जलवायु परिस्थितियों का अनुभव करराता है, जो इसे मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए उपयुक्त स्थलीय एनालॉग बना देता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज, लखनऊ (बीएसआईपी) के शोधकर्ता लद्दाख में पाए गए रॉक वार्निश और मंगल ग्रह दृढ़ता रोवर संचालन (पर्जर्वेंस रोवर ऑपरेशन्स) के दौरान विशेष रूप से देखी गई समानता से प्रेरित थे।

7 नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी रिपोर्ट, 2024​


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हाल ही में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs- CBIC) ने नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (National Time Release Study- NTRS) 2024 रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत के 9 बंदरगाहों पर कार्गो रिलीज़ समय को मापा गया है। NTRS, 2024 रिपोर्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना (National Trade Facilitation Action Plan- NTFAP) लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का आकलन करना, विभिन्न व्यापार सुविधा पहलों के प्रभाव की पहचान करना और रिलीज़ समय में तथा अधिक तेज़ी से कमी लाने में आने वाली चुनौतियों की पहचान करना है। NTFAP का उद्देश्य कुशल, पारदर्शी, जोखिम-आधारित, समन्वित, डिजिटल, निर्बाध और प्रौद्योगिकी-संचालित प्रक्रियाओं के माध्यम से सीमा पार निकासी तंत्र को बदलना है, जिसे अत्याधुनिक समुद्री बंदरगाह, हवाई अड्डे और भूमि सीमाएँ समर्थन प्रदान करती हैं। NTRS, 2024 वार्षिक राष्ट्रीय स्तर का चौथा अध्ययन है, जिसमें 1 जनवरी से 7 फरवरी, 2024 तक आयात और निर्यात हेतु सीमा पर निकासी समय का विश्लेषण करने के लिये मानकीकृत पद्धति का उपयोग किया गया है। अध्ययन में CBIC पूर्व-भुगतान सीमा शुल्क अनुपालन सत्यापन पहल की दक्षता पर प्रकाश डाला गया है। CBIC पूर्व-भुगतान सीमा शुल्क अनुपालन सत्यापन (Pre-payment Customs Compliance Verification- PCCV) पहल में, सभी सीमा शुल्क औपचारिकताएँ पूरी कर ली जाती हैं और आयातक द्वारा शुल्कों के भुगतान के लिये केवल अंतिम मंजूरी लंबित रहती है।

8 हरियाणा के सभी गाँवों को लाल डोरा-मुक्त बना दिया गया​


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हरियाणा के सभी गाँवों को लाल डोरा-मुक्त बना दिया गया है। राज्य सरकार ने 25 दिसंबर 2019 को सुशासन दिवस पर गाँवों को “लाल डोरा-मुक्त” बनाने की योजना शुरू की थी। यह ड्रोन तकनीक का प्रयोग करके भू-परिसंपत्तियों की मैपिंग और वैधानिक स्वामित्व कार्ड जारी करने के साथ गाँव के मकान मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड‘ प्रदान करके ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में परिसंपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है। इसके तहत प्रत्येक गाँव में ग्रामीण और आवासीय क्षेत्रों का फील्ड सत्यापन किया गया और ‘लाल डोरा’ के अंतर्गत आने वाली प्रत्येक भू-परिसंपत्ति की मैपिंग का बारीकी से निरीक्षण किया गया। कुछ राज्यों में गाँवों की आबादी वाले क्षेत्र (जिन्हें पंजाब और हरियाणा में “लाल डोरा” भूमि और कुछ स्थानों पर “आबादी” के रूप में जाना जाता है) को अधिकतर ऐसे सर्वेक्षणों से बाहर रखा गया था। कई भारतीय ग्रामीण समुदायों को दस्तावेज़ी भूमि अधिकार प्राप्त नहीं थे, इसके बदले में उन्हें आवासीय क्षेत्रों में भू-स्वामित्व का दावा करने के लिये वास्तविक आधिपत्य पर निर्भर रहना पड़ता था। ग्रामीण भू-परिसंपत्ति के मालिक बिना किसी कानूनी दस्तावेज़ के बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिये अपनी परिसंपत्ति का उपयोग वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में नहीं कर सकते हैं।

9 MSME के ग्रीन फाइनेंसिंग के लिए SIDBI का $1B फंड: हरित भविष्य की ओर एक कदम​


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भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI), जिसे ग्रीन क्लाइमेट फंड से $215.6 मिलियन की वित्तीय सहायता की मंजूरी मिली है, मध्यम और लघु उद्यमों (MSMEs) की ‘मिटिगेशन और एडाप्टेशन प्रोजेक्ट्स’ (FMAP) के वित्तपोषण के लिए $1 बिलियन का कोष बनाएगा। ग्रीन क्लाइमेट फंड के बोर्ड, जो संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) द्वारा स्थापित एक इकाई है, ने SIDBI के लिए $200 मिलियन के ऋण और क्षमता निर्माण के लिए $15.6 मिलियन की अनुदान राशि को मंजूरी दी है। SIDBI द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि FMAP सुविधा MSMEs को “लगभग 10,000 रियायती ऋण” प्रदान करेगी, ताकि निम्न-उत्सर्जन, जलवायु-सहनशील तकनीकों को बढ़ावा दिया जा सके। FMAP कार्यक्रम से 35.3 मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है।

10 भारतीयों को इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड जैसे लोकप्रिय गंतव्यों सहित 58 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति​


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वैश्विक पासपोर्ट सूचकांक में भारत को 82वें स्थान पर रखा गया है, जिससे भारतीयों को इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड जैसे लोकप्रिय गंतव्यों सहित 58 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति मिलती है। इस साल जनवरी में जारी हुए इंडेक्स के मुकाबले भारत की रैंकिंग में 3 पायदान का इजाफा हुआ है। ब्रिटेन स्थित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नवीनतम रैंकिंग के अनुसार, भारत का पासपोर्ट अब 82वें स्थान पर है। रैंकिंग इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों पर आधारित है। सिंगापुर ने अपने नागरिकों को 195 देशों में वीज़ा-मुक्त प्रवेश के साथ सूचकांक में शीर्ष स्थान पर कब्जा कर लिया। इसने जापान को पहले स्थान से हटा दिया, जो अब स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली के साथ दूसरे स्थान पर है। सभी पांच देशों के पासपोर्ट 192 गंतव्यों तक वीज़ा-मुक्त पहुंच की अनुमति देते हैं।

11 राष्ट्रीय आयकर दिवस 2024​


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राष्ट्रीय आयकर दिवस भारत के वित्तीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दिवस 24 जुलाई को मनाया जाता है। आयकर एक महत्वपूर्ण सरकारी कर है जो व्यक्तियों और व्यवसायों द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय पर लगाया जाता है। “आय” की अवधारणा को आयकर अधिनियम की धारा 2(24) के तहत व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है, जिसमें विभिन्न स्रोतों से होने वाली कमाई शामिल है। आयकर दिवस, जो 24 जुलाई को मनाया जाता है, भारत के वित्तीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण का स्मरण कराता है। 1860 में इसी दिन सर जेम्स विल्सन ने भारत में आयकर की अवधारणा को पेश किया। यह प्रारंभिक कार्यान्वयन, हालांकि प्राथमिक था, देश की भविष्य की कर संरचना के लिए महत्वपूर्ण आधारशिला रखता है। भारत की आयकर प्रणाली की वास्तविक संरचना 1922 के आयकर अधिनियम के साथ आई। इस व्यापक कानून ने कर दरों को परिभाषित करने से कहीं अधिक किया; इसने आयकर अधिकारियों का एक औपचारिक पदानुक्रम स्थापित किया और कर प्रशासन के लिए एक व्यवस्थित ढांचा तैयार किया। यह अधिनियम भारत की राजकोषीय नीतियों को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
 
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