पीएम मोदी ने ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित किया

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1 पीएम मोदी ने ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित किया​


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर की रात को‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित किया। इसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क में हुआ। इस समिट यानी शिखर सम्मेलन का विषय ‘बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान’ था। ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ में बड़ी संख्या में विश्व भर के नेताओं ने भागीदारी की। इस समिट का मकसद धरती के भविष्य को आने वाले खतरों से बचाना है। समिट में ग्लोबल पीस, सतत विकास, क्लाइमेट चेंज, मानवाधिकार और जेंडर जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है। 2021 में UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने एक मीटिंग बुलाने की मांग की थी, जिसमें इन चुनौतियों पर चर्चा हो सके। ये समिट 3 साल की देरी से हो रही है। दरअसल, 2015 में UN ने दुनिया के खतरों को पहचानते हुए वर्ल्ड लीडर्स के सामने 17 लक्ष्य रखे थे। लगभग 10 साल पूरे होने को हैं इनमें से सिर्फ 17% गोल ही अचीव हो पाए हैं। 1970 से 2021 के बीच क्लाइमेट चेंज की वजह से 11,778 आपदाओं में 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। UN हर हाल में इन्हें रोकना चाहता है। एंटोनियो गुटेरेस का मानना है कि अगर दुनिया ने अभी कोई एक्शन नहीं लिया तो धरती को बचाने में देर हो जाएगी। इसलिए UN में 22 और 23 सितंबर को समिट ऑफ फ्यूचर हुआ।

2 वित्त मंत्री सीतारमण उज्बेकिस्तान में AIIB वार्षिक बैठक में भाग लेंगी​


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केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण 24 से 28 सितंबर, 2024 के दौरान उज्बेकिस्तान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरान वो 25 और 26 सितंबर को एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 9वीं वार्षिक बैठक में भाग लेंगी। इसके अलावा वो उज्बेकिस्तान, कतर, चीन के अपने समकक्षों और AIIB अध्यक्ष के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक भी करेंगी। AIIB की वार्षिक बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री AIIB के भारतीय गवर्नर के रूप में भाग लेंगी। भारत इस बैंक का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। बैठक में विकास के एजेंडे से संबंधित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चाएं होगी। यात्रा के दौरान वित्त मंत्री के उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मुलाकात करने की उम्मीद है। इस दौरान वित्त मंत्री भारत और उज्बेकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय निवेश संधि (BET) पर साइन करेंगी। केंद्रीय मंत्री भारत-उज्बेकिस्तान बिजनेस फोरम की चर्चा में भी भाग लेंगी जिसका आयोजन संयुक्त रूप से किया जाएगा और इसमें दोनों देशों के उद्योग जगत के प्रमुख का प्रतिनिधित्व भी होगा। इसके अलावा सीतारमण ताशकंद में समरकंद राज्य विश्वविद्यालय और लाल बहादुर शास्त्री स्मारक का दौरा भी करेंगी। एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) एक बहुपक्षीय विकास बैंक है, जिसका उद्देश्य एशिया में सामाजिक-आर्थिक परिणामों को बेहतर बनाना है। इसकी स्थापना ‘AIIB आर्टिकल्स ऑफ एग्रीमेंट’ (25 दिसंबर, 2015 से लागू) नामक एक बहुपक्षीय समझौते के जरिए की गई है। इसके 57 संस्थापक सदस्य थें। इसका हेडक्वार्टर चीन की राजधानी बीजिंग में है और जनवरी 2016 में इसका परिचालन शुरू हुआ।

3 पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलकर ‘जगदगुरु संतश्रेष्ठ तुकाराम महाराज पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ किया जाएगा​


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महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार, 23 सितंबर को पुणे एयरपोर्ट का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एयरपोर्ट को अब जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट कहा जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले पुणे हवाई अड्डे का नाम बदलने की सिफारिश की थी। सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। संत तुकाराम सत्रहवीं शताब्दी के एक महान संत और कवि थे। वो भारत में लंबे समय तक चले भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ थे। तुकाराम का जन्म पुणे जिले के देहू नामक गांव में हुआ था। इन्हें ‘तुकोबा‘ भी कहा जाता था। तुकाराम को चैतन्य नामक साधु ने ‘रामकृष्ण हरि‘ मंत्र का स्वप्न में उपदेश दिया था। वे विट्ठल यानी विष्णु के परम भक्त थे।

4 भारतीय रेलवे और वेबटेक संयुक्त उद्यम का मढ़ौरा संयंत्र 2025 से अफ्रीका को इवोल्यूशन सीरीज़ के लोकोमोटिव का निर्यात शुरू करेगा​


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भारतीय रेलवे और वेबटेक का एक संयुक्त उद्यम, वेबटेक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड, अफ्रीका को लोकोमोटिव (इंजन) का निर्यात करने के लिए अपने संयंत्र की क्षमता का विस्तार कर रहा है। पहली बार, यह संयंत्र एक वैश्विक ग्राहक को निर्यात के लिए लोकोमोटिव का निर्माण करेगा। यह संयंत्र वैश्विक ग्राहकों को इवोल्यूशन सीरीज ES43ACmi लोकोमोटिव की आपूर्ति करेगा। ES43ACmi एक लोकोमोटिव है जिसमें 4,500 एचपी इवोल्यूशन सीरीज इंजन है, जो उच्च तापमान वाले वातावरण में ईंधन से जुड़ी सर्वश्रेष्ठ दक्षता और प्रदर्शन प्रदान करता है। मढ़ौरा संयंत्र 2025 में इन लोकोमोटिवों का निर्यात शुरू करेगा। बिहार के मढ़ौरा में 70 एकड़ में फैला मढ़ौरा संयंत्र 2018 में स्थापित किया गया था ताकि भारतीय रेलवे के लिए 1,000 अत्याधुनिक लोकोमोटिव का स्वदेशी निर्माण किया जा सके। यह संयंत्र लगभग 600 लोगों को रोजगार देता है और भारतीय रेलवे को सालाना 100 लोकोमोटिव दे रहा है।

5 भारत इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का सदस्य बन गया​


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हाल ही में भारत आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) में शामिल हो गया है जिसे वर्ष 2023 में बड़ी बिल्लियों एवं उनके अधिवासों की रक्षा करने हेतु शुरू किया गया था। यद्यपि भारत ने एक वैश्विक संस्था के रूप में इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) की शुरुआत की, फिर भी इसे इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर के साथ इसका अनुसमर्थन करना होगा जैसा कि इसने अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों एवं संस्थाओं जैसे पेरिस समझौता, जैवविविधता पर कन्वेंशन (CBD) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के साथ किया है। इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) 96 बिग कैट रेंज देशों और गैर-रेंज देशों का एक बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन है जिसका उद्देश्य 7 बिग कैट और उनके आवासों का संरक्षण करना है। यह विचार पहली बार भारत के प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2019 में प्रस्तावित किया गया था और आधिकारिक तौर पर इसे प्रोजेक्ट टाइगर की 50 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर अप्रैल 2023 में शुरू किया गया था।

6 जिंजी किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के लिये नामांकित​


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हाल ही में, तमिलनाडु के विल्लुपुरम ज़िले में स्थित जिंजी किले को ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’, जिसमें 11 अन्य किले भी शामिल हैं, के भाग के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची के लिये नामांकित किया गया है। जिंजी किला अपने ऐतिहासिक महत्त्व और तीन पहाड़ियों: राजगिरि, कृष्णगिरि और चंद्रगिरि के ऊपर स्थित रणनीतिक रूप से प्रसिद्ध है। इसे “ईस्ट ऑफ ट्रॉय” भी कहा जाता है, क्योंकि यह प्रायद्वीपीय भारत के सबसे अभेद्य किलों में से एक है। इसकी रणनीतिक स्थिति और मज़बूत सुरक्षा, जिसमें 60 फुट चौड़ी प्राचीर और 80 फुट चौड़ी खाई शामिल थी, ने इसे फ्राँसीसी और ब्रिटिश के बीच कर्नाटक युद्ध के दौरान महत्त्वपूर्ण बना दिया । इस किले का निर्माण मूलतः कोनार राजवंश के अनंत कोन ने 1200 ई. में करवाया था और इसका नाम कृष्णगिरि रखा गया। विजयनगर साम्राज्य ने किले का पुनर्निर्माण करवाया। वर्ष 1677 में किले पर छत्रपति शिवाजी ने कब्जा कर लिया और वर्ष 1698 तक यह मराठों के नियंत्रण में रहा, उसके बाद यह मुगलों के अधीन आ गया। मुगल सेना के विरुद्ध युद्ध के दौरान यह किला मराठों (शिवाजी के पुत्र राजाराम प्रथम) का अंतिम दुर्ग बन गया। कुछ समय तक राजा देसिंह (तेज सिंह) द्वारा शासित रहने के बाद, वर्ष 1714 में इसे अर्काट के नवाबों ने अपने अधीन कर लिया तथा वर्ष 1749 तक यह उनके अधीन रहा। वर्ष 1750 से 1770 तक यह किला फ्राँसीसियों के कब्जे में रहा, उसके बाद यह अंततः अंग्रेज़ों के नियंत्रण में चला गया।



7 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली ने इंटुएटिव के साथ एक समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर


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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स, नई दिल्ली ने एक प्रौद्योगिकी कंपनी इंटुएटिव के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता रोबोटिक-सर्जरी के लिए नया प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए किया गया है। एम्स का ‘दा विंची रोबोटिक- सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र’ शल्‍य चिकित्‍सकों और देखभाल टीमों को यूरोलॉजी, स्त्री रोग, सामान्य सर्जरी और अन्य विशेषज्ञताओं में रोबोट -सर्जरी करने में सहायक होगा।

8 नेशनल पीपुल्स पावर के सांसद डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में ली शपथ​


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नेशनल पीपुल्स पावर के सांसद डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने उन्‍हें राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई। इससे एक दिन पहले श्री दिसानायके ने स्वयं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। डॉ. अमरसूर्या, सिरिमावो भंडारनायके और चंद्रिका कुमारतुंगा के बाद श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका की संसद को भंग कर दिया। इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गई थी कि चुनाव इसी साल 14 नवम्‍बर को होंगे। अगले महीने अक्‍टूबर की 4 से 11 तारीख के बीच नामांकन प्राप्‍त किए जायेंगे।

9 शंख एयर उड़ान भरने को तैयार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मिली मंजूरी​


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देश की एक और एयरलाइन को परिचालन के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इस एयरलाइन का नाम शंख एयर है। यह उत्तर प्रदेश की पहली विमानन कंपनी होगी, जिसका केंद्र लखनऊ और नोएडा में होगा। हालांकि, आधिकारिक तौर पर उड़ानें शुरू करने से पहले इसको नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुमोदन पत्र के मुताबिक कंपनी को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और पूंजी बाजार नियामक सेबी आदि के नियमों के अनुसार संबंधित प्रावधानों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसे संचालन के लिए जारी की गई नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) तीन साल के लिए मान्य होगी।

10 जीवन नेदुनचेझियान और विजय सुंदर प्रशांत की जोडी ने चीन में हांगझोउ ओपन का खिताब जीता​


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जीवन नेदुनचेझियान और विजय सुंदर प्रशांत की जोडी ने चीन में हांगझोउ ओपन का खिताब जीत लिया है। फाइनल में भारतीय जोड़ी ने जर्मनी के कॉन्स्टेंटिन फ्रांत्जेन और हेंड्रिक जेबेंस को 4-6, 7-6, 10-7 से हराया। लेकिन, युकी भांबरी और फ्रांस के अल्बानो ओलिवेटी की जोडी चेंगदू ओपन के फाइनल में पराजित हो गई। इस जोडी को फ्रांस के सादियो डौम्बिया और फैबियन रेबौल ने 4-6, 6-4, 4-10 से हराया।





 
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