1 केंद्र ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध हटाया
केन्द्र ने सरकारी कर्मचारियों पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। नवंबर 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने यह प्रतिबंध लागू किया था। भारतीय जनता पार्टी के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि 58 वर्ष पहले जारी यह असंवैधानिक आदेश मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस से जुड़ने पर लगी पाबंदी पहले ही हटा दी है।
2 CIL को पहला मिनरल लाइसेंस मिला
22 जुलाई को कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) को ग्रेफाइट के प्रोस्पेक्टिंग और माइनिंग के लिए कंपोजिट लाइसेंस मिला। यह पहली बार है जब कोल इंडिया कोयले के अलावा ग्रेफाइट माइनिंग बिजनेस में भी काम करेगी। CIL को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में खट्टाली ग्रेफाइट ब्लॉक का लाइसेंस मिला। CIL का कंपोजिट लाइसेंस 1 साल और माइनिंग लीज 3 साल के लिए मिली है। CIL को राज्य सरकार को भेजे जाने वाले मिनरल के वैल्यू का 150.05% माइनिंग प्रीमियम देना होता है। ग्रेफाइट का इस्तेमाल बैटरी समेत कई एप्लिकेशन में होता है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) को बढ़ावा देने के लिए ग्रेफाइट की मांग तेजी से बढ़ रही है।
3 आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण भारत-बांग्लादेश के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस रद्द
बांग्लादेश में कोटा विरोधी आंदोलन के कारण भारी अशांति फैली हुई है। अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। इसी बीच भारत-बांग्लादेश को जोड़ने वाली कुछ ट्रेनों को कुछ दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है। रेलवे ने बताया है कि इन रद्द की गई ट्रेनों के टिकट के पैसे वापस कर दिए जाएंगे। रेलवे के अनुसार, संचालन संबंधी कारणों से कोलकाता और ढाका के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। 13108 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस, 13107 ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस और 13109 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस की कुछ तिथियों में एक-एक ट्रिप रद्द रहेगी।
4 डाक विभाग ने लोगों की टिप्पणियों और विशेषज्ञों की राय के लिए डिजिपिन का बीटा संस्करण जारी किया
डाक विभाग भारत में एक मानकीकृत, जियो-कोडेड एड्रेसिंग सिस्टम स्थापित करने की पहल को आगे बढ़ा रहा है ताकि सार्वजनिक और निजी सेवाओं की नागरिक-केंद्रित डिलीवरी के लिए सरलीकृत एड्रेसिंग समाधान सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में विभाग ने डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (डिजिपिन) नामक राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड विकसित करने के लिए आईआईटी हैदराबाद के साथ सहभागिता की थी। ये प्रणाली भू-स्थानिक गवर्नेंस के एक मजबूत और सुदृढ़ स्तंभ के तौर पर काम करेगी। इससे सार्वजनिक सेवा वितरण में बढ़ोतरी, आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेजी और लॉजिस्टिक्स दक्षता में खासी वृद्धि होगी।
5 आकाशगंगा OJ 287 में ब्लैक होल
हाल ही में भारत सहित 10 देशों के 32 वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किये गए एक अध्ययन में आकाशगंगा OJ 287 में एक बड़े ब्लैक होल की परिक्रमा कर रहे एक छोटे ब्लैक होल की उपस्थिति की पुष्टि की गई है। यह खोज नासा के TESS उपग्रह का प्रयोग करके की गई थी। यह परिक्रमा करते ब्लैक होल युग्म का पहला प्रत्यक्ष प्रेक्षण था, जो खगोलविदों द्वारा प्रस्तावित पिछले सिद्धांतों का समर्थन करता है। अप्रैल 2018 में प्रक्षेपित नासा का ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) ग्रहों की गति के कारण होने वाली आवधिक गिरावट का पता लगाने के लिये 200,000 से अधिक तारों की चमक की निगरानी करके एक्सोप्लेनेट की खोज पर केंद्रित है। ब्लैक होल अत्यधिक सघन पिंड होते हैं, जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि वे प्रकाश को भी बाहर निकलने से रोकते हैं, जिससे उनका पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इनका निर्माण तब होता है जब एक विशाल तारा अपने जीवनकाल की समाप्ति में होता है, जिसके परिणामस्वरूप एक सघन क्षेत्र बनता है जो आसपास के स्पेस टाइम को महत्त्वपूर्ण रूप से विकृत कर देता है। बाह्यग्रह (एक्सोप्लैनेट) वे ग्रह हैं जो अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं तथा हमारे सौरमंडल से परे हैं।
6 माश्को पिरो जनजाति
हाल ही में अतिक्रमण तथा भोजन एवं सुरक्षा की तलाश के कारण, पेरू में पूर्व काल से ही संपर्कविहीन रही माश्को पीरो जनजाति पाई गई है। माश्को पिरो विश्व की सबसे बड़ी संपर्क रहित जनजाति है, जिसके 750 से ज़्यादा सदस्य हैं। वे पारंपरिक रूप से अमेज़न वर्षावन में अलग-थलग रहते हैं। वे कभी-कभी यिन समुदाय के साथ संवाद करते हैं, जिनके साथ उनकी भाषा और वंशावली समान है, लेकिन क्योंकि वे रोगों से प्रतिरक्षित नहीं हैं, इसलिये ये संपर्क उनके स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकते हैं। 1880 के दशक के रबड़ बूम के दौरान, रबड़ के दिग्गज व्यापारियों ने उनके क्षेत्र पर आक्रमण किया, उन्हें गुलाम बनाया और गंभीर अत्याचारों के अधीन किया। वर्ष 2002 में पेरू ने उनकी सुरक्षा के लिये माद्रे डी डिओस प्रादेशिक रिज़र्व की स्थापना की, लेकिन यह प्रस्तावित क्षेत्र के केवल एक तिहाई हिस्से को ही कवर करता है। पश्चिमी दक्षिण अमेरिका में स्थित पेरू देश इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राज़ील, बोलीविया, चिली और प्रशांत महासागर से घिरा हुआ है।
7 सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के कांवड यात्रा मार्ग पर दुकानदारो को नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाई
सर्वोच्च न्यायालय ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटलों, ढाबों और खान पान की दुकानों पर मालिक का नाम लिखने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और एस वी एन भट्टी की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए दोंनो राज्य सरकारों से शुक्रवार तक इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा है। हालाँकि, पीठ ने कहा कि होटलों में किस प्रकार का भोजन परोसा जा रहा है इसकी जानकारी होटल मालिकों को देनी होगी। इससे पहले, 18 जुलाई को मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया था, जिसमें कांवड मार्ग पर पडने वाले सभी होटलों और ढाबा मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने को कहा गया था। अगले ही दिन 19 जुलाई को इस निर्देश को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी जिलों में लागू कर दिया गया।
8 आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान
आर्थिक समीक्षा 2023-24 में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। समीक्षा के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति के बावजूद घरेलू वित्तीय गतिविधियों में वृद्धि ने आर्थिक विकास में मदद की है। समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सेवा क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान जारी है और वित्त वर्ष 2024 में देश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान 55 प्रतिशत रहा। अंतरिम आंकड़ों के अनुसार सेवा क्षेत्र में सात दशमलव छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
9 पीआर श्रीजेश इंटरनेशनल हॉकी से लेंगे संन्यास
22 जुलाई को भारतीय हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की। वे पेरिस ओलिंपिक में अपना आखिरी मैच खेलेंगे। श्रीजेश ने ओलिंपिक 2020 में भारतीय नेशनल टीम के साथ गेम्स में हिस्सा लिया था। टोक्यो 2020 ओलिंपिक में भारत की पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। श्रीजेश ने इंचियोन 2014 और हांगझोऊ 2022 में दो गोल्ड समेत तीन एशियाई खेल पदक भी जीते हैं। श्रीजेश ने 2006 में भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम के लिए डेब्यू किया था। श्रीजेश अपने देश के लिए कुल 328 हॉकी मैच खेल चुके हैं। पीआर श्रीजेश को 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था। वे 2021 में वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2021 और 2022 में लगातार FIH गोलकीपर ऑफ द ईयर पुरस्कार भी जीते हैं।
10 लिएंडर पेस और विजय अमृतराज हॉल ऑफ फेम में शामिल
20 जुलाई को भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस और विजय अमृतराज को इंटरनेशनल टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। इस लिस्ट में शामिल होने वाले वो एशिया के पहले खिलाड़ी हैं। लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलिंपिक 1996 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पेस ने अपने करियर में 18 ग्रैंडस्लैम अवॉर्ड जीते हैं। पेस डेविस कप के कई मैचों का हिस्सा भी रह चुके हैं। विजय अमृतराज ने भारत को 1974 और 1987 में डेविस कप के फाइनल में पहुंचाया था। वे विबंलडन और अमेरिका ओपन में दो-दो बार पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में जगह बना चुके हैं। विजय अमृतराज की सिंगल्स में बेस्ट रैंकिंग 18वीं थी। हॉल ऑफ सम्मान ऐसे खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने इस खेल में अपना प्रभाव डाला हो। इस लिस्ट में अब तक 28 देशों के कुल 267 दिग्गजों को शामिल किया गया है।
11 बीसीसीआई आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय ओलंपिक संघ को 8.5 करोड़ रुपये देगा
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव जय शाह ने भारतीय ओलंपिक संघ को पेरिस ओलंपिक अभियान के लिए आठ करोड़ पचास लाख रुपये देने की घोषणा की है। युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने आर्थिक सहायता देने के लिए श्री शाह को धन्यवाद कहा है। श्री मांडविया ने कहा कि देश को ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रत्येक खिलाड़ी पर गर्व है। पेरिस ओलंपिक में भाग ले रहे भारतीय दल ने 117 खिलाड़ी जिसमें 70 पुरुष और 47 महिलाएं शामिल हैं। 140 सहयोगी सदस्य भी इस दल का हिस्सा हैं। 2024 पेरिस ओलंपिक खेल इस महीने की 26 से शुरू होंगे।
12 ऑस्कर पियास्त्री ने अपना पहला फॉर्मूला 1 खिताब हंगेरियन जीपी में जीता
ऑस्ट्रेलियाई ड्राइवर ऑस्कर पियास्त्री ने 21 जुलाई 2204 को आयोजित हंगेरियन ग्रां प्री जीत लिया है । यह उनकी फॉर्मूला वन रेसिंग में पहली ख़िताबी जीत थी । हंगेरियन ग्रां प्री 21 जुलाई 2024 को हंगरी के एक छोटे से शहर मोग्योरोड के हंगरोरिंग रेसिंग ट्रैक पर आयोजित किया गया था। टीम मैक्लारेन के फॉर्मूला वन ड्राईवर ऑस्कर पियास्त्री पहले स्थान पर रहे और उनके की टीम के लैंडो नॉरिस दूसरे स्थान पर रहे। मर्सिडीज के लुईस हैमिल्टन तीसरे स्थान पर रहे। 2024 फॉर्मूला वन सीज़न में 24 ग्रैंड प्रिक्स होंगे। हंगेरियन ग्रां प्री 2024 सीज़न की 13वीं रेस थी। गत वर्ष के विजेता रेड बुल के मैक्स वेरस्टैपेन सात ख़िताबी जीत और 265 अंकों के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर हैं और दूसरे स्थान पर मैक्लारेन टीम के लैंडो नॉरिस हैं। फॉर्मूला वन एक मोटर कार रेसिंग खेल है जो फेडरेशन इंटरनेशनेल डी ल ऑटोमोबाइल (एफआईए) द्वारा आयोजित किया जाता है।
13 युकी भांबरी ने 2024 स्विस ओपन गस्टाड टेनिस युगल का खिताब जीता
भारतीय पुरुष टेनिस खिलाड़ी युकी भांबरी ने फ्रांस के अल्बानो ओलिवेटी के साथ साझेदारी में 2024 स्विस ओपन गस्टाड पुरुष युगल खिताब जीता है। 2024 स्विस ओपन गस्टाड 15 से 21 जुलाई 2024 तक स्विट्जरलैंड के गस्टाड शहर में आयोजित किया गया था। यह क्ले कोर्ट पर खेला जाने वाला एक एटीपी 250 स्टार की प्रतियोगिता है। यह स्विस ओपन गस्टाड टेनिस प्रतियोगिता का 56वां संस्करण था, जो 1915 में शुरू हुआ था। 20 जुलाई, 2024 को गस्टाड के रॉय एमर्सन एरिना में खेले गए फाइनल में युकी भांबरी और ओलिवेटी की जोड़ी ने फैब्रिस मार्टिन और उगो हम्बर्ट की फ्रांसीसी जोड़ी को हराकर खिताब अपने नाम किया। इटली के माटेओ बेरेटिनी ने फाइनल में फ्रांस के क्वेंटिन हेलिस को हराकर अपना 9वां एटीपी खिताब जीता। यह माटेओ बेरेटिनी का दूसरा स्विस ओपन गस्टाड एकल खिताब था। उन्होंने इससे पहले 2018 में एकल खिताब जीता था।
14 राष्ट्रीय ध्वज दिवस
भारत का राष्ट्रीय ध्वज दिवस देश को अंग्रेज़ों से स्वतंत्रता मिलने (15 अगस्त 1947) से कुछ दिन पहले , 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अपनाए जाने की याद में मनाया जाता है। 22 जुलाई 1947 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में भारतीय संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया। राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रीय गौरव, एकता और स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है तथा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, “यह संकल्प लिया गया है कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज गहरे केसरिया (केसरी), सफेद और गहरे हरे रंग का समान अनुपात में क्षैतिज तिरंगा होगा। सफेद पट्टी के बीच में चरखे को दर्शाने के लिये गहरे नीले रंग का एक चक्र होगा। इस चक्र का डिज़ाइन अशोक के सारनाथ सिंह स्तंभ पर बने चक्र जैसा होगा। चक्र का व्यास सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर होगा। ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात सामान्यतः 2:3 होगा। सभा ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिससे ब्रिटिश शासन के अंत के साथ स्वतंत्रता और भविष्य की समृद्धि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।