1 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बेंगलुरु में राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला में कार्बन फाइबर और प्रीप्रेग्स केंद्र का उद्घाटन किया
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बेंगलुरु में राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला में कार्बन फाइबर और प्रीप्रेग्स केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रयोगशाला में विमानन प्रौद्योगिकी में नवाचारों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस प्रयोगशाला द्वारा डिजाइन और विकसित स्वदेशी ट्रेनर विमान हंसा एन जी और बहुउद्देशीय विमान सारस की उड़ान को भी देखा। उपराष्ट्रपति ने वैज्ञानिक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 2047 में आजादी के सौ वर्ष पूरे होने पर विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए अमृत काल में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की अंतरिक्ष क्षेत्र की उपलब्धियों को दुनियाभर में मान्यता मिली है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हल्का लड़ाकू विमान तेजस आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है।
2 केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् ‘प्रगति-2024’ कार्यक्रम आयोजित करेगी
केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) 28 मई, 2024 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में “आयुर्ज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में औषध अनुसंधान (प्रगति- 2024)” कार्यक्रम की मेजबानी कर रही है। सीसीआरएएस, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। यह संवादात्मक बैठक सीसीआरएएस और आयुर्वेद औषध उद्योग के बीच अनुसंधान के अवसरों की खोज करने और सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा करेंगे।
3 “ऑलिव ग्रीन – गोइंग ग्रीन” के तहत भारतीय सेना को पहली हाइड्रोजन बस सौंपी गई
पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंडियन ऑयल ने भारतीय सेना को हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली अत्याधुनिक बस प्रदान की हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय और इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एस एम वैद्य की मौजूदगी में इंडिया गेट स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम में इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किये गए। इस पहल का उद्देश्य भारी वाहनों में हाइड्रोजन और बैटरी आधारित प्रौद्योगिकी को बढावा देना है। हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक इलेक्ट्रो-रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस को बिजली में परिवर्तित करके विद्युत ऊर्जा का एक स्वच्छ व कुशल विकल्प प्रदान करती है। यह प्रक्रिया जल वाष्प को एकमात्र उत्सर्जित पदार्थ के रूप में छोड़ती है और इस तरह से यह शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित करती है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाली बस में 37 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। यह हाइड्रोजन ईंधन के पूरे 30 किलोग्राम के ऑनबोर्ड टैंक पर 250-300 किलोमीटर का प्रभावशाली माइलेज प्रदान करती है।
4 वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान ने इलेक्ट्रिक टिलर का अनावरण किया
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने 25 मई 2024 को दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल में केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट–सीएमआरआई) के इलेक्ट्रिक टिलर का अनावरण किया। सीएसआईआर-सीएमईआरआई की नवीन प्रौद्योगिकी से विकसित इस इलेक्ट्रिक टिलर को ऐसे छोटे से लेकर सीमांत किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जो देश के कृषक समुदाय का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं। ऐसे किसान, जिनके पास आमतौर पर 2 हेक्टेयर से कम भूमि है, विभिन्न कृषि कार्यों के लिए इस इलेक्ट्रिक टिलर का उपयोग कर सकते हैं, जिससे परिचालन लागत में बहुत कमी आती है। इसके अलावा, यह प्रगति शुद्ध-शून्य उत्सर्जन (नेट-जीरो इमीशन) प्राप्त करने और पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।
5 एसएएमईईआर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में उद्योग के साथ एमआरआई और लीनियर एक्सेलेरेटर के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने कार्यान्वयन संस्था के रूप में एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग और अनुसंधान समिति (एसएएमईईआर), मुंबई के माध्यम से दो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों, अर्थात् 1.5 टेस्ला एमआरआई स्कैनर और 6 एमईवी लीनियर एक्सेलेरेटर के विकास का नेतृत्व किया है। उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डीएसी), त्रिवेन्द्रम और कोलकाता, इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) और दयानंद सागर इंस्टीट्यूट (डीएसआई) के सहयोग से (एमआरआई)। एमआरआई स्कैनर एक गैर-आक्रामक चिकित्सा इमेजिंग परीक्षण है जिसका उपयोग सॉफ्ट टिश्यू को देखने के लिए किया जाता है, जबकि लीनियर एक्सेलेरेटर (लिनैक) का उपयोग उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन का उपयोग करके कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है। भारत को आयात को कम करने की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए दोनों परियोजनाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
6 पीईएसबी ने एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक) के रूप में श्री अजय कुमार शर्मा की संस्तुति की
सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने विद्युत मंत्रालय के तहत अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक) पद के लिए श्री अजय कुमार शर्मा की संस्तुति की है। 24 मई, 2024 को आयोजित साक्षात्कार की एक जटिल प्रक्रिया के बाद उनका चयन किया गया, जहां वे ग्यारह दावेदारों के बीच शीर्ष उम्मीदवार के रूप में उभरे। श्री शर्मा वर्तमान में एसजेवीएन के कॉर्पोरेट मानव संसाधन विभाग में महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं।
7 RBI ने Hero FinCorp पर लगाया ₹3.1 लाख का जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हीरो ग्रुप की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी हीरो फिनकॉर्प (Hero Fincorp) पर लाखों का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने इस NBFC पर कुल 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर आरबीआई ने फेयर प्रैक्टिस कोड से जुड़े कुछ नियमों का पालन नहीं करने के कारण यह पेनल्टी लगाई है। रिजर्व बैंक ने इस बारे में कहा कि कंपनी पर रेगुलेटरी कारणों से कार्रवाई की गई है। इस जुर्माने का ग्राहकों पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।