अक्षांश और देशांतर क्या हैं ?

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अक्षांश और देशांतर क्या हैं ? (Latitudes and Longitudes)

Latitudes and Longitudes Notes in Hindi


ग्लोब पर खींची (अंकित) गई काल्पनिक रेखाएँ हैं, जो क्रमशः पूर्व से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण दिशाओं में बनायी गयी हैं । इनके बने ‘ग्रिड या जाल’ का | पृथ्वी पर स्थिति निर्धारण में बहुत महत्व है, इसे ‘भू जाल’ कहा जाता है। अक्षांश-देशान्तर रेखाएँ एक-दूसरे को समकोण पर काटती है !​

अक्षांश –

  • भूमध्य रेखा पृथ्वी को दो समान गोलार्द्धा में विभाजित करती है, उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्ध । अक्षांशों का निर्धारण भूमध्य रेखा से उत्तर व दक्षिण दिशाओं में समानान्तर होता है। इनके कोणों का निर्धारण पृथ्वी के केन्द्र से होता है । भूमध्य रेखा के उत्तर व दक्षिण दिशाओं में जाने पर इन अक्षांश वृत्तों का आकार छोटा होता जाता है, भूमध्य रेखा को 0° एवं उत्तर व दक्षिण ध्रुवों को 90° से अंकित किया जाता है। दोनों ध्रुवीय बिन्दु के रूप में होते हैं । इस प्रकार 90° अक्षांश उत्तरी गोलार्द्ध एवं 90° दक्षिण गोलार्द्ध में पाये जाते हैं। सभी अक्षांशों के मध्य की दूरी 111 कि.मी. होती है, जो ध्रुवों पर उनके चपटा होने के कारण थोड़ा सा अधिक होती है । किसी स्थान की बिलकुल सही स्थिति प्राप्त करने के लिए डिग्री को मिनट में एवं मिनट को सैकन्ड में बाँटा जाता है । जैसे मुम्बई की स्थिति 18°55’08” (18 डिग्री, 55 मिनट एवं 08 सैकण्ड ) उत्तर अक्षांश लिखी जायेगी ।​



  • अक्षांशीय ग्लोब का समान विभाजन 0° भूमध्य रेखा द्वारा होता है, इसके उत्तर दिशा में 23 1/2° उत्तर अक्षांश कर्क रेखा तथा 661⁄2° उत्तरी अक्षांश आर्कटिक वृत्त एवं 90° उत्तरी ध्रुव केन्द्र या बिन्दु के रूप में होता है। इसी प्रकार भूमध्य रेखा के दक्षिण में 23 1/2° दक्षिणी अक्षांश मकर रेखा एवं 661/2° दक्षिणी अक्षांश अण्टार्कटिक वृत्त तथा 90° दक्षिणी ध्रुव केन्द्र या बिन्दु के रूप में प्रदर्शित होता है (चित्र – 3.3 ) । ग्लोब पर 0° भूमध्य रेखा से 30° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशों के मध्य के क्षेत्र को ‘निम्न अक्षांशीय क्षेत्र’, 30° से 60° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशों के मध्य का क्षेत्र ‘मध्य अक्षांशीय क्षेत्र’ तथा 60° से 90° उत्तर व दक्षिण अक्षांशों के मध्य का क्षेत्र ‘उच्च अक्षांशीय क्षेत्र’ होता है । इसी प्रकार 0° से 231⁄2° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशों के मध्य के क्षेत्र को ‘उष्ण कटिबन्ध जलवायु पेटी, 231⁄2° से 661⁄2° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशों के क्षेत्र को, ‘उत्तर एवं दक्षिण शितोष्ण कटिबन्ध जलवायु पेटी’ तथा 661⁄2° से 90° उत्तर व दक्षिण अक्षांशों वाले क्षेत्र को ‘शीत कटिबन्ध जलवायु पेटी’ के नाम से जाना जाता है। इसी आधार पर वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं की पेटियों का भी निर्धारण होता है। किसी भी स्थान का अक्षांश निर्धारण यंत्रों तथा सूर्य, तारों, चन्द्रमा आदि की स्थिति से होता है। वर्तमान में जी. पी. एस. (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की मदद से अक्षांशों की सही स्थिति ज्ञात की जाती है ।​

देशान्तर –

  • ग्लोब पर जिन काल्पनिक रेखाओं को उत्तर – दक्षिण दिशा में खींचा जाता है, वे देशान्तर रेखाएँ कहलाती है। लंदन के पास स्थित ‘ग्रीनवीच’ स्थान से उत्तर – दक्षिण दिशा में खींची गई रेखा को ‘प्रधान मध्याह्न रेखा’ या ‘ग्रीनवीच रेखा’ कहा जाता है जिसको 0° से प्रदर्शित किया जाता है। इसके पूर्व एवं पश्चिम दिशा में 180°-180° देशान्तर बनाये गये हैं, जिनका कुल योग 360° होता है। इनका निर्धारण पृथ्वी के केन्द्र से कोणात्मक दूरियों द्वारा होता है। केन्द्रीय या प्रधान देशान्तर (0°) के विपरित दिशा में 180° ‘अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा’ की स्थिति होती है । देशान्तरों के मध्य की सर्वाधिक दूरी भूमध्य रेखा पर होती है । भूमध्य रेखा से ध्रुवों की तरफ जाने पर इनके मध्य का अन्तर कम होता जाता है। ध्रुवों पर सभी देशान्तर केन्द्रीय (बिन्दु) स्थिति प्राप्त कर लेते हैं । यानि भूमध्य रेखा पर दो देशान्तरों के मध्य 111 कि.मी. का अन्तर होता है । 30° उ. व द. अक्षांशों पर यह अन्तर 96.5 कि.मी., 60° उ. व द. अक्षांशों पर 55. 4 कि.मी., 80°उ. व द. अक्षांशों पर 19.3 कि.मी. तथा 90°उ. व द. ध्रुव बिन्दु पर शून्य रह जाता है। अक्षांश रेखाओं की तरह ही देशान्तर रेखाओं को भी डिग्री, मिनट एवं सैकन्ड में बाँटा जाता है । जैसे मुम्बई का देशान्तरीय विस्तार 72°54’10” (72 डिग्री, 54 मिनट एवं 10 सैकन्ड ) है । केन्द्रीय या प्रधान मध्याह्न रेखा से पूर्व में जाने पर प्रत्येक देशान्तर पर 4 मिनट तथा प्रत्येक 15° देशान्तर पर एक घण्टे की वृद्धि होती है। इसके विपरीत पश्चिम में जाने पर कमी आती है। प्रत्येक मध्याह्न रेखा पर ‘स्थानीय समय’ समान रहता है । इसी प्रकार सभी 360° देशान्तर रेखाएँ जब एक वृत्त के रूप में परिवर्तित होती है तब ये ‘ वृहत वृत्त’ बन जाती है । भूमध्य रेखा भी वृहत वृत्त के रूप में मानी जाती है। ‘वृहत वृत्त’ वे वृत्त होते हैं जो पृथ्वी या ग्लोब को समान मण्डलों से विभाजित करते हैं। इनकी कुल संख्या 181 है ।​

Latitudes and Longitudes Questions And Answers in Hindi


प्रश्न 1. अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा जिस देशान्तर रेखा के पास से गुजरती है-
(अ) 0° देशान्तर
(ब) 150° देशान्तर
(स) 180° देशान्तर
(द) 821/2°देशान्तर

उत्तर ⇒ { C }

प्रश्न 2. सारे देश की घड़ियाँ जिस मान्य समय के अनुसार चलती हैं उस समय को कहते हैं
(अ) स्थानीय समय
(ब) मध्य-मान समय
(स) दृष्ट समय
(द) प्रामाणिक समय

उत्तर ⇒ { D }

प्रश्न 3. सबसे अधिक समय कटिबन्ध किस देश में है?
(अ) रूस
(ब) कनाडा
(स) चीन
(द) यू.एस.ए.

उत्तर ⇒ { A }

प्रश्न 4. विषुव से तात्पर्य है
(अ) सूर्य का कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकना
(ब) सूर्य का मकर रेखा पर लम्बवत् चमकना
(स) सूर्य का भूमध्य रेखा पर लम्बवतु चमकना
(द) सूर्य का कर्क एवं मकर रेखाओं पर लम्बवत् चमकना

उत्तर ⇒ { C }

प्रश्न 5. समस्त समय कटिबन्धों पर समय गणना होती है
(अ) 180° देशान्तर से
(ब) 0° मध्याह्न रेखा से
(स) 90° पूर्वी देशान्तर से
(द) ग्रीनविच स्थान से

उत्तर ⇒ { B }​



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