सिरसा जिले का इतिहास ( Sirsa district History in hindi )

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सिरसा जिले का इतिहास ( Sirsa district History in hindi )

  • सिरसा की स्थिति – यह हरियाणा के पूर्व पूर्वी प्रांगणों पर स्थित है।
  • सिरसा की स्थापना – 26 अगस्त,1975
  • सिरसा का मुख्यालय – सिरसा में ही स्थित है।
  • सिरसा का क्षेत्रफल – 4277 वर्ग किलोमीटर
  • सिरसा का उपमंडल – सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद
  • सिरसा की तहसील – सिरसा, रानियां, डबवाली, ऐलनाबाद, कालांवाली
  • सिरसा की उप-तहसील – , नाथूसरी चौपटा, चौटाला
  • सिरसा में खंड – सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां, कालांवाली, ओढ़ां, नाथूसरी चौपटा
  • सिरसा की कुल जनसंख्या – 12,95,189 (2011) की जनगणना के अनुसार
  • सिरसा की साक्षरता दर – 68.82 प्रतिशत (2011) की जनगणना के अनुसार
  • सिरसा का लिंग अनुपात – 897/1000
  • सिरसा का जनसंख्या घनत्व – 303 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर

सिरसा का इतिहास

  • यह एक अति प्राचीन नगर है। इस नगर को हरियाणा के सबसे नगरों में गिना जाता है इसका पुराण नाम शिरिष्का था। सिरसा का यह नाम यहाँ पर विद्दमान सबसे बड़े वन शिरिषवन के नाम पर पड़ा। यह नगर वन को साफ करके बसाया गया था। सिरसा का पुराना नाम पाणिनी के अष्टाध्यायी व दिव्यावदान में मिलता है। सिरसा का उल्लेख महाभारत में भी आता है। कहा जाता है कि पांडव भाइयों में से एक नकुल रोहतक जितने के बाद सिरसा की ओर बढ़ा। सिरसा पहले हिसार जिले का ही भाग था। इसे 26 अगस्त 1975 को पूर्ण जिले का दर्जा मिला। कुछ लोग यह भी मानते है कि सिरसा का यह नाम शास्वत ऋषि तथा सिरस पेड़ के नाम पर रखा गया था। इस जिले में घग्घर नदी बहती है तथा यहाँ लाल मिट्टी पाई जाती है। प्राचीन समय मे यहाँ सरस्वती नदी बहती थी।

उद्योग :-

  • इस जिले में वनस्पति उद्योग, चीनी उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग तथा दाल मिले कार्यरत है। यहाँ पर वनस्पति यूनिट्स लगे हुए है।

सिरसा में प्रमुख मेले :-

  1. तीजो का मेला –
    यह मेला सिरसा में श्रावण शुक्ल पक्ष तीज पर लगता है।
  2. गणगौर का मेला –
    यह मेला चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीय से पंचमी तक लगता है। इसमें आकर्षक गनगोरो की स्थापना करके उनकी पूजा की जाती है।
  3. बाबा सरसाईनाथ का मेला –
    यह मेला सिरसा में चैत्र शुक्ल पक्ष एकम पर लगता है।
  4. बाबा भूमणशाह का मेला –
    यह मेला मंगाला, मोजदिन, मल्लेवाला, गीदडावाली नामक ग्रामों में सक्रांति के अवसर पर लगता है।
  5. रामदेव जी का मेला –
    यह मेला सिरसा के गिगोरानी व कागदाना नामक स्थानों पर माघ शुक्ल दशमी को लगता है।
  6. राधा स्वामी का मेला –
    यह मेला सिकन्दरपुर में मार्च तथा सितम्बर माह में लगता है।
  7. गुरु नानक देव पर्व –
    यह सिरसा, चोरमार में अशिवनी मास की पूर्णिमा को लगता है। धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व है।
  8. गुरु गोविंद सिंह पर्व –
    यह मेला भी सिरसा व चोरमार में आसाढ़ माह की सप्तमी को लगता है।

प्रमुख नगर :-

  1. ऐलनाबाद –
    यह कस्बा सिरसा से 42 किमी दूर दक्षिण पश्चिम में राजस्थान की सीमा के समीप स्थित है। इसकी स्थापना बीकानेर क्षेत्र के बागड़ी जाटो और बनियों ने 19 वी शताब्दी के आरंभ में की थी और इसे खडियल नाम से जाना जाता था। 1863 में घग्घर नदी में बाढ़ आ जाने से यह गाँव जलमग्न हो गया। सिरसा के तत्कालीन उपयुक्त जे० एच० ओलिवर ने ऊँचे स्थान पर एक नया कस्बा बसाया और अपनी पत्नी ऐलना के नाम पर इसका नाम ऐलनाबाद रखा।
  2. रानियां –
    यह कस्बा सिरसा जीवननगर मार्ग पर सिरसा के पश्चिम में स्थित है। एक मान्यता के अनुसार 14 वी शताब्दी में रायबिरु ने यह कस्बा बसाया था। इसका पुराना नाम राजबपुर है। राव अनूप सिंह राठौर की पत्नी ने यहाँ एक मिट्टी का किला बनवाया ओर इसका नाम राजबपुर से रानियां रख दिया। 1837 ई० में रानियां को भठिंडा जिले में मिला दिया गया। अब यह जिला सिरसा के अंतर्गत आता है

प्रसिद्ध स्मारक व अभ्यारण्य

  • अबूबशहर वन्य जीव अभ्यारण्य-
    यह अभ्यारण्य सिरसा जिले में स्थापित है। यह हरियाणा का दूसरा बड़ा अभ्यारण्य है। यह 11530.56 हेक्टेयर में अवस्थित है।

लुदेसर गांव का शहीदी स्मारक –

  • सिरसा से 28 किमी दूर लुदेसर गांव में एक शहीदी स्मारक है। जो देश के लिए कुर्बान हुए शहीदो की अमर गाथा कह रहा है। हरियाणा सरकार की ओर से इसकी देखभाल की जाती है।

महत्वपूर्ण बिंदु :-

1) हरियाणा का पांचवां विश्वविद्यालय चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय इसी जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 2003 में कई गई थी।
2) सिरसा के ग्रामीण इलाकों में बड़े शोक से पढ़ा व सुना जाने वाला वीर रस से परिपूर्ण आल्हा महाकाव्य काव्य के पात्र वीर मलखान की जन्मभूमि सिरसा ही बताई जाती है।
3) सिरसा में प्रसिद्ध Battel of chormar लड़ी गई।
4) डेरा सच्चा सौदा सिरसा में स्थित है।
5) सिरसा में सर्वाधिक जनसंख्या सिख समुदाय की है।
6) सिरसा कपास व खट्टे फलों के लिए प्रसिद्ध है।
7) सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला जिला सिरसा है (303)
8) सर्वाधिक गोवंश वाला जिला भी सिरसा है।
9) राजा सारस का किला सिरसा में स्थित है।
10) तारा बाबा की कुटिया सिरसा में स्थित है। इसमें 71 फुट ऊँचा शिवालय है।
11) दादी सती का मंदिर सिरसा के कुम्हारिया में स्थित है।
12) गुरुद्वारा चोरमार सिरसा में अवस्थित है।
13) फल उत्कृष्टता केंद्र सिरसा के मंजियाना में स्थित है।
14) सुर्खाब पर्यटन स्थल सिरसा में है इसकी स्थापना 1980 में की गई थी।
15) चिल्ला साहिब गुरुद्वारा सिरसा में स्थित है।
16) गुरु सिंह सभा का गुरुद्वारा सिरसा में है।
17) मंदीप जांगड़ा खिलाड़ी सिरसा से है।
18) अश्विनी चौधरी ( सिनेमा ) का जन्म भी सिरसा में हुआ था।
19) प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी सरदारा सिंह का जन्मस्थान भी सिरसा है। इन्होंने 2006 में मलेशिया में सुल्तान अजलान शाह कप हॉकी टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहते हुए इन्होंने एशिया कप, कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक दिलाया।


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